
हल्द्वानी: उत्तराखंड राज्य में भाजपा संगठन और सरकार के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुछ दिन पहले लोकसभा में उत्तराखंड के मैदानी जिलों में अवैध खनन का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है, जो कि एक गंभीर समस्या बन चुका है। लोकसभा में अवैध खनन का मुद्दा उठाने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में खुद को “शेर” बताया। इसे सीधे तौर पर पुष्कर सिंह धामी की सरकार पर हमला माना गया। उनके इस बयान के बाद भाजपा के भीतर ही खेमेबाजी शुरू हो गई। लेकिन सियासी पारा तब और चढ़ गया, जब शनिवार रात हरिद्वार के खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के भाई वीरेंद्र रावत का पुराना स्टिंग वीडियो अपने सोशल मीडिया पर जारी कर दिया।उमेश कुमार का पलटवारउमेश कुमार ने वीडियो के साथ सोशल मीडिया पर लिखा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को सदन में अवैध खनन का मुद्दा उठाते देख राहत मिली। लेकिन उन्होंने इस बात पर तंज कसते हुए कहा कि जब उन्होंने वीरेंद्र रावत का खनन में भ्रष्टाचार उजागर किया था, तब उल्टा उनके खिलाफ ही केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया था। स्टिंग वीडियो में वीरेंद्र रावत कहते नजर आ रहे हैं कि वह रोज 100 डंपर खनन करवाते हैं। उमेश कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि काश, त्रिवेंद्र सिंह रावत का जमीर उस समय भी जागा होता।राजनीतिक साजिश या हकीकत?त्रिवेंद्र सिंह रावत के लोकसभा में दिए गए बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में पहले से ही चर्चा थी कि उन्होंने यह मुद्दा राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए उठाया है। वहीं, उमेश कुमार के इस स्टिंग वीडियो के जारी होने से पूरे मामले ने नया मोड़ ले लिया है। उमेश कुमार ने पुराने स्टिंग को सार्वजनिक कर त्रिवेंद्र सिंह रावत को ही कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है।
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