
हल्द्वानी। आरटीओ रोड स्थित एक निजी स्कूल में गुरुवार को प्रशासन और शिक्षा विभाग ने संयुक्त रूप से निजी स्कूलों के साथ बैठक की। जिसमें मनमानी तरीके से फीस बढ़ाने, आरटीई में प्रवेश दिए जाने, एनसीईआरटी या इसके समकक्ष किताबों की लागू किये जाने, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करने सहित कई प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई। खंड शिक्षा अधिकारी तारा सिंह ने सभी निजी स्कूलों से पारदर्शिता से कार्य करने की अपील की। उन्होंने आरटीई के मानकों का पालन कर सभी स्कूलों को 25 प्रतिशत कोटे के तहत विद्यार्थियों को प्रवेश देने के निर्देश दिए। बताया कि प्रवेश नहीं दिये जाने पर 3 साल का सजा का प्रावधान है।
बिना स्कूलों का नाम लिए बिना बीईओ ने कहा कि कई स्कूल निर्देशों के बावजूद नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। सख्त लहजे में कहा कि स्कूल अधिसूचना जारी करने को विवश न करें। स्कूलों को फीस और अन्य जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा गया है, जिससे जानकारी सार्वजनिक होने से अभिभावकों को कोई दिक्कत न हो। बिना मान्यता वाले स्कूलों को ऑनलाइन आवेदन कर मान्यता लेने को कहा गया है। बिना मान्यता के चलने वाले स्कूलों पर 10 हजार रुपये प्रति दिन के अनुसार पेनल्टी लगाई जाएगी।
एआरटीओ प्रवर्तन जितेंद्र सिंह ने स्कूल बसों की फिटनेस होने, लाइसेंस धारी परिचालक होने, बस में फर्स्ट एड बॉक्स, खिड़कियों में लोहे की जाली आदि मानकों का पालन करने को कहा। उन्होंने कहा कि स्कूलों की ओर से बसों में चाइल्ड सेफ्टी का ध्यान रखा जाए। चालक के ओवरस्पीड और नशे में वाहन चलाते हुए पाए जाने पर उसे दोबारा सेवा से बाहर किये जाने के निर्देश दिए। कहा कि स्कूल संचालक नई बस खरीदते समय कांट्रैक्ट में परिवहन विभाग को भी शामिल करेंगे। सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी ने स्कूल संचालकों को किताबें और यूनिफॉर्म के लिए निश्चित दुकान की बाध्यता समाप्त करने, किताबें खरीदने के लिए 15 मई तक का समय देने को कहा। उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे कार्रवाई को मजबूर होना पड़े। इस दौरान एसडीएम पारितोष वर्मा, जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक पुष्कर लाल टम्टा आदि मौजूद रहे।
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